12 प्राचीन आविष्कार और खोजें जो भारत ने शेष विश्व को उपहार में दीं

12 प्राचीन आविष्कार और खोजें जो भारत ने शेष विश्व को उपहार में दीं

Nov 11, 2023 - 19:44
 0  14
12 प्राचीन आविष्कार और खोजें जो भारत ने शेष विश्व को उपहार में दीं

भारत, जिसे ऐतिहासिक रूप से भारत कहा जाता है, के पास एक समृद्ध सांस्कृतिक और वैज्ञानिक विरासत है जिसने दुनिया में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यहां 12 प्राचीन आविष्कार और खोजें हैं जो भारत में उत्पन्न हुए:

शून्य (0):

शून्य की अवधारणा, एक मौलिक गणितीय धारणा, प्राचीन भारत में विकसित की गई थी। भारतीय गणितज्ञ ब्रह्मगुप्त ने पहली बार 7वीं शताब्दी ईस्वी में शून्य के उपयोग को औपचारिक रूप दिया।

दशमलव प्रणाली:

दशमलव अंक प्रणाली, जिसमें दशमलव स्थानों और संख्या शून्य का उपयोग शामिल है, की उत्पत्ति भारत में हुई। यह प्रणाली बाद में इस्लामी दुनिया और यूरोप में प्रसारित की गई।

आयुर्वेद:

चिकित्सा की एक प्राचीन प्रणाली, आयुर्वेद, की जड़ें भारत में हैं। यह मन, शरीर और आत्मा के संतुलन पर विचार करते हुए स्वास्थ्य के प्रति समग्र दृष्टिकोण पर जोर देता है। आधुनिक वैकल्पिक चिकित्सा में आयुर्वेदिक पद्धतियाँ अभी भी प्रभावशाली हैं।

योग:

शारीरिक आसन (आसन), सांस नियंत्रण (प्राणायाम) और ध्यान सहित योग के अभ्यास की उत्पत्ति प्राचीन भारतीय दर्शन में हुई है। आज शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए दुनिया भर में योग का अभ्यास किया जाता है।

शतरंज:

 आधुनिक शतरंज का अग्रदूत, जिसे चतुरंग कहा जाता है, की उत्पत्ति 6वीं शताब्दी के आसपास भारत में हुई थी। यह धीरे-धीरे उस खेल के रूप में विकसित हुआ जिसे हम आज जानते हैं।

आयुर्वेदिक सर्जरी:

प्राचीन भारतीय चिकित्सक सुश्रुत को सर्जरी का जनक माना जाता है। उन्होंने प्राचीन संस्कृत पाठ सुश्रुत संहिता में शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं और तकनीकों का दस्तावेजीकरण किया।

पाई (π):

 पाई का मान (लगभग 3.14159) पहली बार 5वीं शताब्दी ईस्वी में भारतीय गणितज्ञ आर्यभट्ट द्वारा गणना की गई थी।

मसाले:

भारत सदियों से मसालों का एक प्रमुख स्रोत रहा है, और भारतीय व्यापारियों ने काली मिर्च, दालचीनी और इलायची जैसे मसालों को प्राचीन दुनिया में पेश किया।

नौवहन और समुद्री प्रौद्योगिकी: प्राचीन भारतीय नाविकों को नौवहन और समुद्री प्रौद्योगिकी का उन्नत ज्ञान था। उन्होंने नौवहन उपकरण विकसित किए और हिंद महासागर के पार यात्रा की, जिससे समुद्री व्यापार प्रभावित हुआ।

धातु निष्कर्षण और शोधन:

 प्राचीन भारत में जस्ता, लोहा और पारा सहित धातुओं का निष्कर्षण और शोधन अच्छी तरह से विकसित किया गया था। प्रौद्योगिकी दुनिया के अन्य हिस्सों में फैल गई।

फाइबोनैचि संख्याएँ:

हालाँकि फाइबोनैचि अनुक्रम अक्सर इतालवी गणितज्ञ लियोनार्डो फाइबोनैचि से जुड़ा होता है, इस अनुक्रम का वर्णन भारतीय गणित में 6वीं शताब्दी की शुरुआत में किया गया था।

ऋग्वेद: दुनिया के सबसे पुराने पवित्र ग्रंथों में से एक, ऋग्वेद में भजन और मंत्र शामिल हैं जो प्रारंभिक भारतीय दार्शनिक और धार्मिक विचारों को प्रदर्शित करते हैं। इसका हिंदू धर्म पर गहरा प्रभाव पड़ा है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow